सभी साहित्य रसिकों का सादर अभिवादन
और
नवरात्रि की शुभ कामनाएँ
माँ दुर्गा के पावन पर्व के शुभारम्भ के साथ ही हम भी बढ़ते हैं पाँचवी समस्या पूर्ति की ओर, घोषणा पोस्ट के साथ।
छन्द
इस बार की समस्या पूर्ति का छन्द है हरिगीतिका
इस छन्द के बारे में पिछली दो पोस्ट्स में विस्तार से बातें हो चुकी हैं
शब्द
इस बार 'पंक्ति' की बजाय 'शब्द' ले रहे हैं हम।
विषय, रस और अलंकार का चुनाव रचनाधर्मी अपनी-अपनी रुचि के अनुसार करने के लिए स्वतंत्र हैं। इस का एक फायदा ये भी होगा कि हमें भाँति-भाँति के अद्भुत छन्द पढ़ने को मिलेंगे।
आप जो रस-अलंकार ले रहे हैं या कोई विशेष प्रयोग कर रहे हैं, उस पर एक संक्षिप्त टिप्पणी अवश्य लिख कर भेजें।
विशेष पंक्ति इस बार नहीं है, परंतु विशेष प्रयोगों का स्वागत है।
अन्य भाषा - बोलियों में भी छन्द आमंत्रित किए जा रहे हैं और वो छन्द संबन्धित रचनाधर्मी की प्रतिनिधि पोस्ट के साथ ही प्रकाशित किए जाएँगे। मतलब इस बार समापन पोस्ट नहीं होगी।
छंदों की संख्या उतनी रखें जिसे पढ़ने के लिए पाठक के मन में रुचि बरकरार रहे।
पुराने सहयोगियों को तो पता है परन्तु नए सहभागियों के लिए बताना आवश्यक लग रहा है कि अपने छंद navincchaturvedi@gmail.com पर भेजें। नए साथी बिलकुल भी संकोच न करें। यदि उन के छंदों में परिमार्जन आवश्यक लगा, तो प्रकाशन के पहले उन से संवाद भी स्थापित किया जाता है मंच के द्वारा।
पहला शब्द - त्यौहार
आप के छन्द में त्यौहार की जगह यदि पर्व या उत्सव बैठ रहा हो तो आप उसे भी ले सकते हैं
उदाहरण :-
त्यौहार का माहौल आया, हर शहर हर गाँव में
अद्भुत-अनोपम-श्रेष्ठ उत्सव, हिन्द की पहिचान हैं
हर पर्व का आधार प्यारे, विश्व का कल्याण है
दूसरा शब्द - कसौटी
इस कसौटी शब्द के पर्यायवाची / समानार्थी शब्द भी ले सकते हैं रचनाधर्मी। उसे हाइलाइट कर दें।
उदाहरण :-
कुछ तो कसौटी ज़िंदगी के, साथ होनी चाहिए
हर हाल में हाज़िर रहे जो, हर परीक्षा के लिए
तीसरा शब्द - अनुरोध
इस अनुरोध शब्द के पर्यायवाची / समानार्थी शब्द भी ले सकते हैं रचनाधर्मी। उसे हाइलाइट कर दें।
उदाहरण :-
है इल्तिज़ा इतनी - हमारी - कोशिशों को वेग दो
परिवार में मिल कर रहें सब, बस यही अनुरोध है
[यहाँ पहली पंक्ति में 'हमारी' शब्द 'इतनी' और 'कोशिशों' दोनों शब्दों से जुडा हुआ है]
सभी रचनाधर्मियों से आह्वान किया जाता है कि भारतीय जन-मन में रचे-बसे इस अद्भुत शिल्प वाले मनोहारी छन्द 'हरिगीतिका' को अपने कल्पना संसार में अवश्य शामिल करते हुए भारतीय छन्द साहित्य की सेवा में अपना योगदान जारी रखें। आप लोगों के छन्दों की प्रतीक्षा रहेगी।
एक निवेदन पाठकों से भी - इस मंच के माध्यम से भारतीय छंद साहित्य की सेवा में जुटे रचनाधर्मियों को आप की टिप्पणियों का इंतज़ार रहता है| सो प्लीज डू द नीडफुल ........))))))))))))))))))))
एक निवेदन पाठकों से भी - इस मंच के माध्यम से भारतीय छंद साहित्य की सेवा में जुटे रचनाधर्मियों को आप की टिप्पणियों का इंतज़ार रहता है| सो प्लीज डू द नीडफुल ........))))))))))))))))))))
जय माँ शारदे!
♥
जवाब देंहटाएंआपको सपरिवार
नवरात्रि पर्व की बधाई और शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं !
-राजेन्द्र स्वर्णकार
जय माँ शारदे.
जवाब देंहटाएंआपका प्रयास अनुपम एवम सराहनीय है.
नवरात्रि पर्व की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं !
‘हरिगीतिका‘ की घोषणा का स्वागत ।
जवाब देंहटाएंनवरात्रि पर्व की मंगलकामनाएं।
खूबसूरत प्रस्तुति ||
जवाब देंहटाएंबधाई ||
नवरात्रि पर्व की बधाई और शुभकामनाएं
भाई नवीनजी, आपका स्वागत और नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंमाँ महालक्ष्मी मय महासरस्वती सहाय्य हों. आयोजन की अग्रिम शुभेच्छा.
--सौरभ पाण्डेय, नैनी, इलाहाबाद (उ.प्र.)
ओह परीक्षा आ गयी। हिम्मत जुटाते हैं।
जवाब देंहटाएंनवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें नवीन जी ! इस बार की परीक्षा में मैं भी सम्मिलित होने का प्रयास करूँगी ! परिणाम की भी प्रतीक्षा रहेगी जो भी हो ! सभी साथियों का अभिनन्दन एवं शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंजय माता दी ...
जवाब देंहटाएंनवीन जी नवरात्रि की शुभकामनाएं ... उत्सुकता जगा दी है आपने ...
स्वागत है नवीन जी ...प्रयास करता हूँ |
जवाब देंहटाएं♥
जवाब देंहटाएंफिर गूंथ लाए शृंखला नव , छंद की नव मालिका
दोहे कवित कुंडली हुए … अब , छंद है हरिगीतिका
अवसर नया हर छंद साधक के लिए आनंद का
आभार करते हम हृदय से , मित्र बंधु 'नवीन' का
आपका प्रयास अनुपम व सराहनीय है..
जवाब देंहटाएंनवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ.